नमस्कार दोस्तों आज हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय के ऊपर चर्चा करने वाले है जिसका मुख्य शीर्षक है राजपूतो का इतिहास और राजपूत कौन होते है। राजपूतो के बारे सबको पता ही होगा लेकिन बहुत कम लोगो को राजपूतो का इतिहास मालूम होगा जैसे क वीर राजपूत कौन थे इनका गौरवशाली इतिहास क्या है।
राजपूतो का इतिहास
अग्गर हम राजपूतो के इतहास की बात करे , तो राजपूतो का इतहास काफी दिलचस्प रहा है। राजपूत शब्द संस्कृत के ‘राजपुत्र’ का विकृत रूप है । ‘राजपुत्र’ शब्द का प्रयोग, जो पहले राजकुमार के अर्थ में किया जाता था। पूर्व मध्यकाल में सैनिक वर्गों तथा छोटे-छोटे जमींदारों के लिये किया जाने लगा । प्राचीन काल में जाती प्रथा की बात करे , राजपूतो को ऊच कोटि की जाती में रखा गया है । क्युकी राजपूत अपने वीरता के लिए जाने जाते थे।राजपूत बड़े वीर तथा स्वाभिमानी होते थे और साहस, त्याग, देश-भक्ति आदि के गुण उनमें कूट-कूट कर भरे हुये थे । परन्तु पारस्परिक संघर्ष तथा द्वेष-भाव के कारण वे देश की रक्षा नहीं कर सके तथा देश की स्वाधीनता को उन्होंने विदेशियों के हाथों में सौंप दिया । राजपूतो का इतिहास बहुत ही गौरवशाली है यह आपको हमारा लेख पड़ने के बाद अच्छे से मालूम हो जायेगा।
647 ई में हर्ष की मृत्यु के कुछ दशकों के बाद अनेक राजपूत राज्य राजस्थान और सिन्धु के मैदानों में उभरे वे आपस में लड़ते थे और हारने वाले अपने साथियों के साथ पहाडी राज्यों की तरफ राज्यों में आश्रय लेते थे जहाँ वे छोटे छोटे राज्य बना लेते थे, ऐसे राज्यों में काँगड़ा, नूरपुर, सुकेत, मंडी, कुतेहड, बिलासपुर, नालागढ़, क्योंथल, धामी कुनिहार, बुशहर, सिरमौर आदि थे । तोह कुज ऐसे है राजपुत जाती का इतिहास।
भारत में कहा है राजपूत
आम तौर पर राजपूत जाती की लोग भारत की हर राज्य में रहते है। पर भारत की कुश राज्यों में इनके आबादी काफी जयादा है। राजपूत पूरे भारत में उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश , राजस्थान , बिहार , उत्तरांचल , गुजरात , हरियाणा , हिमाचल प्रदेश में फैले हुए हैं। उत्तर प्रदेश में सबसे जयादा राजपूत जाती की आबादी वाला राज्य है
पर्सिद राजपूत योद्धा
प्राचीन काल काफी राजपूत योद्धा थे , जिन्होंने अपने वीरता की मसाल दी।
- पृथ्वीराज चौहान, अजमेर के राजा जिन्होंने 12 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध के दौरान उत्तर भारत में अजमेर और दिल्ली के राज्यों पर शासन किया थ।
- राणा कुंभा, मेवाड़ के राजा जिन्होंने एक समय में अपने क्षेत्र का विस्तार किया जब वे मालवा सल्तनत, गुजरात सल्तनत और मारवाड़ के दुश्मनों से घिरे थ।
- राणा साँगा, मेवाड़ के राजा और 16 वीं शताब्दी की शुरुआत में राजपूताना में राजपूत संघ के प्रमुख थे।
- राणा उदय सिंह द्वितीय, मेवाड़ के राजा और इसकी राजधानी उदयपुर के संस्थाप।
- जम्मू-कश्मीर के अंतिम शासक महाराजा हरि सिंह।
राजपूत रेजिमेंट क्या है
राजपूत रेजीमेंट भारतीय सेना का एक सैन्य-दल है। राजपूतो द्वारा ब्रिटिश भारतीय सेना में सहयोग की शुरुआत सन 1778 में हुई, जब 31वीं रेजीमेंट ( बंगाल नेटिव इनफ़ेंट्री) में तीसरी बटालियन बनी थी। 2 अन्य बटालियन (पहली व दूसरी) 1778 में बनाई गईं थी। पहली बटालियन ने दिल्ली के युद्ध में इंपेरियाल कोर्ट में मराठों की मौजूदा शक्ति को तोड़कर रख दिया था।
राजपूतो को ठाकुर क्यू कहते है
राजपूत एक समूह है, जिसे अब आधुनिक भारत के संविधान के अनुसार एक जाति माना जाता है। जिन राजपूतों की रैंक राजा से नीचे थी, लेकिन जागीर में अच्छी स्थिति रखते थे, उन्हें ठाकुर कहा जाता था। इस्सलिये राजपूत और ठाकुर में कोई जायदा अंतर नहीं है।
भारत में पर्सिद राजपूत
भारत में काफी ऐसे पर्सिद लोग है जो राजपूत है। उल्लेखनीय राजपूतों की सूची :
- वी.पी. सिंह, पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री
- मनीष सिसोदिया, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री।
- जसवंत सिंह, पूर्व रक्षा और विदेश मंत्री
- कंगना रनौत, भारतीय फिल्म अभिनेत्री (वह अभी RAJPUT के समुदाय के लायक नहीं है)
- प्रीति जिंटा, भारतीय फिल्म अभिनेत्री
- सुशांत सिंह राजपूत, भारतीय अभिनेता
- ठाकुर अनूप सिंह, भारतीय फिल्म और टीवी अभिनेता
- महेंद्र सिंह धोनी, पूर्व भारतीय क्रिकेटर और सभी प्रारूपों में भारत के कप्तान
- रवींद्र जडेजा, भारतीय क्रिकेटर
यह यह था हमारा राजपूतो का इतिहास और राजपूतो के बारे में कुज जानकारी। उम्मीद करते है के आपको हमारा लेख वीर राजपूतो का साहसी और गौरवशाली इतिहास के बारे पड़ के बहुत अच्छा लगा होगा। अपने सुझाव हमने नीचे कमेंट में जरूर दे और इस लेख को राजपूतो भाईओ के साथ जरूर शेयर करे।
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