आप सब ने रामायण देखी है और रामायण के बाद क्या हुआ यह भी हमने आपको हमारे लेख में बताया है। आप सब ने रामायण में भगवान् "श्री राम" और "राक्षश रावण " के बारे अच्छे से पढ़ा होगा और बहुत ही धारावाहिक में देखा होगा। लेकिन इन सब धारावाहिक और किताबो से अपने रामायण के बारे ही जाना होगा और उसमे सब राम जी को नायक के रूप में देख के उनके बारे ही ज़्यादा जान्ने के दिलचस्पी दिखते है। आपने कभी सोचा रावण कोण था और उसका जनम कहा हुआ और क्या कोई ऐसी जगह है भारत जा भारत के बाहर जहा रावण को पूजा जाता है। आज हम आपको हमारे इस लेख के जरिये बिसरख रावण टेम्पल के बारे में बतायेगे बिसरख रावण का मंदिर है जो की भारत में है। तोह चलो आज बिसरख रावण मंदिर के बारे में अच्छे से जानते है।
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Bisrakh Village Ravan Mandir Entrance |
रावण के बारे में सबको पता है लेकिन रावण के गाँव , रावण के जनम स्थान और रावण कौन था आदि कुज चंद लोगो को ही मालूम है।
बिसरख रावण टेम्पल जा बिसरख रावण का मंदिर क्या है
यहाँ के लोकल लोग बिसरख को रावण का जनम स्थान मानते है , हलाकि इस पर अभी भी कुज इतिहासकारो में मतभेद है। लेकिन भारती संस्कृति में वेदो के अनुसार भी बिसरख जगह का ज़िकर मिलता है। वेदो के अनुसार महर्षि विश्रवा इसी जगह में जन्मे थे और यह ऋषि विश्रवा रावण के पिता थे। विशरव ब्राह्मण जाती से सम्बन्ध रखते थे और शिव जी के भगत थे और उन्होंने यहाँ शिवलिंग स्थापित भी किये थे जो की बिसरख के स्थानीय लोगो द्वारा कहा जाता है के आज भी मौजूद है।
क्यूंकि ऋषि विश्रवा यहाँ रहते थे और यहाँ पूजा पाठ करते थे इसलिए यह गाँव उनके नाम पर बाद में विश्रवा से बदल कर बिसरख के नाम से जाना जाने लगा। और बहुत सारे दस्तावेज ऐसे भी मिले है जिससे लोग यही मानते है के बिसरख ही लंका नरेश रावण का जनम स्थान है। यह गाँव बहुत ही अनोखा है और इसको स्थानीय लोग रावण का घर और रावण का गाँव के नाम से ही मानते है। बिसरख रावण टेम्पल भी यहाँ मौजूद है।
कहा जाता है के पूर्व मंत्री महोदय चंदरशेखर जी ने भी एक समय यहाँ बिसरख मंदिर रावण में पूजा करि थी। यहाँ के लोग आज भी दशहरा के दिन यहाँ रावण को नहीं जलाते और न ही वह राम लीला का मंचन इस गाँव में करते है। बिसरख के कुज वृद्ध लोगो के अनुसार यहाँ आज से 60 - 65 वर्ष पहले 2 बार राम लीला का मंचन किया गया था। लेकिन उसी दौरान कुज लोगो की मृत्यु हो गयी और उसके बाद गाँव वालो फिर कभी भी रामलीला न करने की ठानी।
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Bisrakh ravan mandir inside picture (source google images) |
इस रावण के गाँव में लोग रावण की पूजा करते है और रावण के मंदिर भी बनवा रखे है। यहाँ के लोग रावण को ही अपना पूर्वज मान कर उसकी पूजा करते है हलाकि बिसरख में श्री राम का भी मंदिर है और शिव जी का भी लेकिन गाँव वालो में ज़्यादा मोह लंका पति राजा रावण का है और इसी मोह के चलते उन्होंने ने आजतक इस गाँव में कभी भी रावण का पुतला नहीं जलाया और न ही कभी दशहरा मनाया है।
कहा जाता है के दशहरा के कुज दिन पहले बिसरख रावण गाँव के लोग शोक मानते है लेकिन कुज वर्षो से गाँव में युवा पीढ़ी ने ऐसा करना छोड़ दिया और सिर्फ दशहरा वाले दिन ही वह रावण को माथा टेकते है। इस अनोखे गाँव बिसरख में बहुत सारे स्थानीय लोगो ने अपने बिज़नेस दुकाने धंदे आदि का नाम रावण के नाम से रखा है जैसे जी Ravan DJ Bisrakh और रावण के नाम से कुज दुकाने आदी। अगर आप कभी बिसरख की यात्रा करेंगे तोह आप खुद देख पाओगे के लोगो ने यहाँ अपनी कारो और घरो में भी रावण लिखवा रखा है ऐसा वह बहुत शौंक से करते है।
क्यूंकि रावण शिव जी का भगत था इसलिए गाँव में इक बहुत ही पुराना शिवलिंग भी मौजूद है और उसकी गहराई बहुत अधिक होने के बाद किसी ने नापी नहीं है। गाँव में रावण मंदिर के इलावा , राम ,वाल्मीकि ,और शिव के मंदिर भी मजूद है।
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